धरा महाराष्ट्र की

धरा महाराष्ट्र की महाराष्ट्र की ये धरा हमारी सुंदरता रहे सदा इसकी प्यारी। स्वच्छ सुंदर हो पर्यावरण तो तंदुरुस्त रहे वातावरण । सबको ,मिले शुद्ध पानी ,शुद्ध हवा हमारे जीने की है , ये अनमोल दवा। आओ ,सब मिलकर पेड़ लगाये धरती पर खुशीयाली सजाये। हो पौधों मे, फलों फुलो की महक तो सुनो ,प्यारे पंछियों की चहक। सजा हो हर घर आंगण ,फुल पत्ती से यु लगे सजी हो दुल्हन, हरियाली से। जानवरों को भी है अधिकार इस जमी के वो भी है हकदार। इस गुलिस्ते से है, हम सबको प्यार, हिफाजत को इसकी, सदा हम तैयार। श्रीमती सुरेखा माकोडे यशोदा मा ,विद्यालय ,चंडिकापूर तालुका अकोट जिल्हा अकोला